Essence of Murli (H&E): July 31, 2014:
Slogan: An obedient soul is one who says “Ji Hazoor” (Yes, my Lord) in every thought, word and deed.
प्रश्न:- तुम्हारे सब कार्य किस आधार पर सफल हो सकते हैं? नाम बाला कैसे होगा?
उत्तर:- ज्ञान बल के साथ योग का भी बल हो तो सब कार्य आपेही करने के लिए तैयार हो जायें । योग बहुत गुप्त है इससे तुम विश्व का मालिक बनते हो । योग में रहकर समझाओ तो अखबार वाले आपेही तुम्हारा सन्देश छापेंगे । अखबारों से ही नाम बाला होना है, इनसे ही बहुतों को सन्देश मिलेगा ।
Essence:
Sweet children, the festival of Raksha Bandhan which begins at the
confluence age is the festival of making a promise. You now promise to
become pure and make others become pure.
Question: On what basis can all your tasks be successful? How will your name be glorified?
Answer:
Along with the power of knowledge, you have to have the power of yoga.
Then everyone will automatically become ready to do all the tasks. Yoga
is very incognito; through this you become the masters of the world.
When you explain whilst in yoga, the newspaper people will automatically
print your message. It will be through the newspapers that your name
will be glorified. Many will receive the message through them.
Essence for Dharna:
1.
In order to pass with honours, become an ocean of knowledge like the
Father. Examine yourself to see whether you have any defects inside you
and remove them. Do not see anyone's body even whilst seeing it. Whilst
talking to one another have the faith that you are souls.
2.
Accumulate so much power of yoga that all your work is carried out
easily. Give the message of becoming pure to everyone through the
newspapers. Do the service of making others similar to yourself.
Blessing:
May you become a special soul by remaining stable in the point form and
keeping your mind and intellect safe from any negative influence.
When
it is a particular season, you pay special attention according to the
season to remaining safe from it. When it is raining, you will pay the
attention of keeping an umbrella or a raincoat with you. When it is
cold, you will wear warm clothes. Similarly, at the present time, Maya
is carrying out the special task of putting a curtain of negative
feelings and intentions on the mind and intellect. Therefore, adopt some
special means of safety. The easiest method for this is to become
stable in the point form. Instead of being surprised or putting a
question mark, put a full stop, that is, become a special soul.
Slogan: An obedient soul is one who says “Ji Hazoor” (Yes, my Lord) in every thought, word and deed.
सार:- “मीठे बच्चे- रक्षाबन्धन का पर्व प्रतिज्ञा का पर्व है,जो संगमयुग से ही शुरू होता है,अभी तुम पवित्र बनने और बनाने की प्रतिज्ञा करते हो”
प्रश्न:- तुम्हारे सब कार्य किस आधार पर सफल हो सकते हैं? नाम बाला कैसे होगा?
उत्तर:- ज्ञान बल के साथ योग का भी बल हो तो सब कार्य आपेही करने के लिए तैयार हो जायें । योग बहुत गुप्त है इससे तुम विश्व का मालिक बनते हो । योग में रहकर समझाओ तो अखबार वाले आपेही तुम्हारा सन्देश छापेंगे । अखबारों से ही नाम बाला होना है, इनसे ही बहुतों को सन्देश मिलेगा ।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1. पास विद् ऑनर होने के लिए बाप समान ज्ञान सागर बनना है । कोई भी अवगुण अन्दर है तो उसकी जांच कर निकाल देना है । शरीर को देखते हुए न देख, आत्मा निश्चय कर आत्मा से बात करनी है ।
2. योगबल इतना जमा करना है जो अपना हर काम सहज हो जाए । अखबारों द्वारा हरेक को पावन बनने का सन्देश देना है । आप समान बनाने की सेवा करनी है ।
वरदान:- प्याइंट स्वरूप में स्थित हो मन बुद्धि को निगेटिव के प्रभाव से सेफ रखने वाले विशेष आत्मा भव !
जैसे कोई सीजन होती है तो सीजन से बचने के लिए उसी प्रमाण अटेंशन रखा जाता है । बारिश आयेगी तो छाते, रेनकोट आदि का अटेंशन रखेंगे । सर्दी आयेगी तो गर्म कपड़े रखेंगे.....ऐसे वर्तमान समय मन बुद्धि में निगेटिव भाव और भावना पैदा करने का विशेष कार्य माया कर रही है इसलिए विशेष सेफ्टी के साधन अपनाओ । इसका सहज साधन है- एक प्याइंट स्वरूप में स्थित होना । आश्चर्य और क्वेश्चनमार्क के बजाए बिन्दु लगाना अर्थात् विशेष आत्मा बनना ।
स्लोगन:- आज्ञाकारी वह है जो हर संकल्प, बोल और कर्म में जी हज़ूर करता है ।
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