Essence of Murli (H&E): July 17, 2014:
Slogan: Constantly keep churning knowledge and you will remain constantly cheerful and be saved from any attraction of Maya.
प्रश्न:- सबसे बडा आसुरी अवगुण कौन-सा है, जो बच्चो में नहीं होना चाहिए ?
उत्तर:- सबसे बड़ा आसुरी अवगुण है किसी से रफ-डफ बात करना या कटुवचन बोलना, इसे ही भूत कहा जाता है । जब कोई मे यह भूत प्रवेश करते है तो बहुत नुकसान कर देते है इसलिए उनसे किनारा कर लेना चाहिए । जितना हो सके अभ्यास करो- अब घर जाना है फिर नई राजधानी मे आना है । इस दुनिया मे सब कुछ देखते हुए कुछ भी दिखाई न दे ।
स्लोगन:- सदा ज्ञान के सिमरण में रहो तो सदा हर्षित रहेगे, माया की आकर्षण से बच जायेगे ।
Essence:
Sweet children, your intellects become clean through the power of
remembrance and you also imbibe divine virtues. Therefore, sit in
solitude and ask yourselves how many divine virtues you have developed.
Question: What is a very great devilish defect which you children should not have?
Answer:
It is a very great devilish defect to speak in a rough or harsh manner
to someone. This is also called an evil spirit. When this evil spirit
enters someone, it causes a lot of damage and you therefore have to step
away from that. As much as possible, practice: I now have to return
home and go into the new kingdom. While seeing everything in this world,
you should not see anything.
Essence for Dharna:
1.
While walking and moving around, let there be remembrance of only the
one Father. Practice not seeing anything while seeing everything. Sit in
solitude and check yourself: To what extent have I imbibed divine
virtues?
2.
Do not perform any such actions that would cause defamation of the
Father. Imbibe divine virtues. Let it remain in your intellect: I now
have to return home and then go into the kingdom.
Blessing: May you be a hero actor who has all rights and overcome all problems by considering them to be in the play.
No
matter what adverse situations or problems there may be, do not try to
overcome the problems while being dependent on them, but be one who has
all rights and overcome all the problems as you would overcome them in a
play. Even if, externally, you have a part of crying, internally be
aware that it is just a play which is called the drama and that you are
the hero actors of the drama. A hero actor means one who plays an
accurate part. Therefore, consider even the most difficult problems to
be in the play and make them light so that there are no burdens.
Slogan: Constantly keep churning knowledge and you will remain constantly cheerful and be saved from any attraction of Maya.
सार:- “मीठे बच्चे - बाप की याद से बुद्धि स्वच्छ बनती है, दिव्य गुण आते हैं,इसलिए एकान्त में बैठ अपने आपसे पूछो कि दैवीगुण कितने आये हैं?”
प्रश्न:- सबसे बडा आसुरी अवगुण कौन-सा है, जो बच्चो में नहीं होना चाहिए ?
उत्तर:- सबसे बड़ा आसुरी अवगुण है किसी से रफ-डफ बात करना या कटुवचन बोलना, इसे ही भूत कहा जाता है । जब कोई मे यह भूत प्रवेश करते है तो बहुत नुकसान कर देते है इसलिए उनसे किनारा कर लेना चाहिए । जितना हो सके अभ्यास करो- अब घर जाना है फिर नई राजधानी मे आना है । इस दुनिया मे सब कुछ देखते हुए कुछ भी दिखाई न दे ।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1. चलते-फिरते एक बाप की ही याद रहे और कुछ देखते हुए भी दिखाई न दे-ऐसा अभ्यास करना है । एकान्त में अपनी जाँच करनी है कि हमारे में दैवीगुण कहॉ तक आये है?
2. ऐसा कोई कर्तव्य नहीं करना है, जिससे बाप की निन्दा हो, दैवीगुण धारण करने है । बुद्धि मे रहे- अभी घर जाना है फिर अपनी राजधानी में आना है ।
वरदान:- अधिकारी बन समस्याओं को खेल-खेल में पार करने वाले हीरो पार्टधारी भव !
चाहे कैसी भी परिस्थितिया हों,समस्याये हो लेकिन समस्याओं के अधीन नही, अधिकारी
बन समस्याओं को ऐसे पार कर लो जैसे खेल-खेल में पार कर रहे हैं । चाहे
बाहर से रोने का भी पार्ट हो लेकिन अन्दर हो कि यह सब खेल है - जिसको कहते
हैं ड्रामा और ड्रामा के हम हीरो पार्टधारी हैं । हीरो पार्टधारी अर्थात् एक्यूरेट पार्ट बजाने वाले इसलिए कडी समस्या को भी खेल समझ हल्का बना दो, कोई भी बोझ न हो ।
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