Essence of Murli (H&E): July 26, 2014:
Slogan: Leave the swings of Maya and constantly continue to swing in the swing of supersensuous joy.
प्रश्न:- देवताओं का मुख्य एक कौन-सा गुण तुम बच्चों में सदा दिखाई देना चाहिए?
उत्तर:- हर्षित रहना । देवताओं को सदा मुस्कराते हुए हर्षित दिखाते हैं । ऐसे तुम बच्चों को भी सदा हर्षित रहना है, कोई भी बात हो, मुस्कराते रहो । कभी भी उदासी या गुस्सा नहीं आना चाहिए । जैसे बाप तुम्हें राइट और रांग की समझानी देते हैं, कभी गुस्सा नहीं करते, उदास नहीं होते, ऐसे तुम बच्चों को भी उदास नहीं होना है ।
Essence:Sweet
children, only by having accurate knowledge of the drama can you remain
unshakeable and stable and have a constant stage: storms of Maya cannot
shake you.
Question: What is the one main virtue of the deities that should always be visible in you children?
Answer:
Staying cheerful. Deities are always shown as cheerful and smiling.
Similarly, you children also have to stay constantly cheerful. No matter
what happens, simply continue to smile. Never allow there to be sadness
or anger. The Father gives you the understanding of what is right and
what is wrong and never becomes angry or unhappy with you. So, you
children too must not become unhappy.
Essence for Dharna:
1.
Become pure at this most auspicious confluence age and decorate
yourself. Never allow your decoration to be spoiled by rolling in the
dust of Maya.
2.
Understand this drama accurately and make your stage unshakeable,
immovable and stable. Never become confused; always remain cheerful.
Blessing:
May you be cheerful and have the fortune of happiness and create the
fortune of others with your awareness of God and your fortune.
From
amrit vela till night time, bring the variety of your fortune into your
awareness and continue to sing the song: Wah my elevated fortune! Only
those who maintain the awareness of God and their fortune are able to
make others fortunate. A Brahmin means to be one who is constantly
fortunate and to have the constant fortune of happiness. No one would
have the courage to reduce the happiness of a Brahmin soul. Each one is
cheerful and has the fortune of happiness. It is impossible to lose your
happiness in Brahmin life. Even if the body goes, your happiness cannot
go.
Slogan: Leave the swings of Maya and constantly continue to swing in the swing of supersensuous joy.
सार:- “मीठे बच्चे- ड्रामा की यथार्थ नॉलेज से ही तुम अचल, अडोल और एकरस रह सकते हो, माया के तूफान तुम्हें हिला नहीं सकते“
प्रश्न:- देवताओं का मुख्य एक कौन-सा गुण तुम बच्चों में सदा दिखाई देना चाहिए?
उत्तर:- हर्षित रहना । देवताओं को सदा मुस्कराते हुए हर्षित दिखाते हैं । ऐसे तुम बच्चों को भी सदा हर्षित रहना है, कोई भी बात हो, मुस्कराते रहो । कभी भी उदासी या गुस्सा नहीं आना चाहिए । जैसे बाप तुम्हें राइट और रांग की समझानी देते हैं, कभी गुस्सा नहीं करते, उदास नहीं होते, ऐसे तुम बच्चों को भी उदास नहीं होना है ।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1. इस पुरूषोत्तम संगमयुग पर पवित्र बन स्वयं का श्रृंगार करना है । कभी भी माया की धूल में लिथड़ कर श्रृंगार बिगाड़ना नहीं है ।
2. इस ड्रामा को यथार्थ रीति समझकर अपनी अवस्था अचल, अडोल, स्थेरियम बनानी है । कभी भी मूँझना नहीं है, सदैव हर्षित रहना है ।
वरदान:- भगवान और भाग्य की स्मृति से औरों का भी भाग्य बनाने वाले खुशनुम:खुशनसीब भव !
अमृतवेले से लेकर रात तक अपने भिन्न-भिन्न भाग्य को स्मृति में लाओ और यही गीत गाते रहो वाह मेरा श्रेष्ठ भाग्य । जो भगवान और भाग्य की स्मृति में रहते हैं वही औरों को भाग्यवान बना सकते हैं । ब्राह्मण माना ही सदा भाग्यवान, सदा खुशनसीब । किसी की हिम्मत नहीं जो ब्राह्मण आत्मा की खुशी कम कर सके । हर एक खुशनुम:, खुशनसीब हो । ब्राह्मण जीवन में खुशी का जाना असम्भव है, भल शरीर चला जाए लेकिन खुशी जा नहीं सकती ।
स्लोगन:- माया के झूले को छोड़ अतीन्द्रिय सुख के झूले में सदा झूलते रहो ।
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