24 12 2015 SV SS GYDS OMSHANTI
मीठे मीठे सिकिल्धे बच्चों प्रति मातपिता बापदादा का यादप्यार और गुडमोर्निग .. रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते ... बाप पवित्रता सुख शांति का वर्सा बाप देने आते है ... बाप सत्य बताकर सचखंड की स्थापना कर रहे है .. अब बाप को याद करो तो तुम सतोप्रधान बन, सतोप्रधान दुनिया के मालिक बन जायेंगे ... बाप कहते है सहज याद की यात्रा बताता हूँ ... मामेकम याद करो तो सतोप्रधान बन जायेंगे ... पहले पहले आत्मा को पहचानना है ... आत्मा में ८४ जन्मों का अविनाशी पार्ट भरा हुआ है ... यह है सबसे वंडरफूल बात .. आत्मा भी अविनाशी है .. ड्रामा भी अविनाशी है .. बना बनाया है ... इसको कहते है कुदरत ... तुम सुष्टि चक्र के आदि मध्य अतं को जानने से चक्रवर्ती राजा बन जाते है ... पिछाड़ी की रिजल्ट काम आती है ... अच्छी रति पुरुषार्थ कर उंच पद पाओ ...
मीठे बच्चे अब घर जाना है इसलिए देहि अभिमानी बनो ... एक बाप को याद करो तो अंत मती सो गति हो जाएगी ... बाबा कह्ते -- बच्चे, यह अनादी अविनाशी ड्रामा बना हुआ है ... इसमें हर एक का पार्ट नुधा हुआ है ... कुछ भी होता है नथिंग न्यू ... बाप कहते है बच्चे इसमें मेरी भी कोई बड़ाई नही.. मैं भी ड्रामा के बंधन में बांधा हुआ हु ... यह वंडरफूल राज समझाकर बाप ने जैसे अपने पार्ट का महत्व कम कर दिया है .... वरदान – अपनी महानता और महिमा को जानने वाले सर्व आत्माओं में सर्वश्रेष्ठ विश्व द्वारा पूजनीय भव ... स्लोगन – स्थिति सदा खजानों से सम्पन और संतुष्ट रहे तो परिस्थतियाँ बदल जायेगी ...
परमपिता परमात्मा विदेही विचित्र बाप टीचर सतगुरु शिवबाब से पढाई पढ़ने वाला रूहानी मीठा सिकिल्धा देहिअभिमानी आत्मअभिमानी बच्चा नुरे रत्न ... सहजयाद ... मामेकमस्वरूप शुद्ध पवित्र पावन सतोप्रधान ... नयनों का नूर .. नुरे रत्न ... अटूट याद ... घड़ी घड़ी याद ... एक बाप की याद में घर जाने वाला देहिअभिमानी ... मेरा तो एक बाप दूसरा न कोई ... बाप की याद में उंच पद ... नथिंग न्यू की स्मुर्तीस्वरूप आत्मा .. स्थिति मजबूत ... अपनी सम्भाल ... सम्पन संतुष्ट महिमास्वरूप महान माननीय पूजनीय ... बाप के नयनों के तारे ... नुरे रत्न ... सतयुग स्वर्ग का पवित्र पावन स्तोप्रधन सर्वश्रेष्ठ दिव्यस्वरूप देवता ... महान देवता ... पूजनीय देवता ... नई दुनिया का मालिक ... बाप समान विश्व कल्याणी ... सर्व कल्याणी ... मेरेबाबा मीठाबाबा प्याराबाबा वाहबापटीचरसतगुरु वाहड्रामा वाहमीठापरिवार
एक बाप की याद वाला देहि विदेही शुद्ध पवित्र पावन सतोप्रधान महान माननीय पूजनीय सम्पन संतुष्ट सर्वश्रेष्ठ नुरे रत्न
आत्मास्वरूप देवतास्वरूप पूज्यस्वरूप ब्राह्मणस्वरूप फरिश्तास्वरूप ज्वालास्वरूप ..
PPPSSSS – PSSAPGGS - DARPPP – SSSMDDV
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