Thursday, December 17, 2015

17 12 2015 SHIVBHGVANUVACH SHIVSANDESH GYDS OMSHANTI


17 12 2015 SHIVBHGVANUVACH   SHIVSANDESH GYDS  

OMSHANTI


मीठे मीठे सिकिल्धे बच्चों प्रति मातपिता बापदादा का यादप्यार और गुडमोर्निग .. रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते .. अभी है गीता का एपीसोड .. बाप कहते है बच्चे देहि अभिमानी भव ... हर एक बात का बाप निश्चय बिठाते है .. गृहस्थ व्यवहार में रहते बाप से वर्सा लेते सर्विस भी करनी है ... तुम हो सैल्वेशन आर्मी ... अब बाप कहते है हथ कार डे  .. सतयुग में तुम पावन हो तो सारी कारोबार पावन होती है .. सतयुग में जो भी काम करते हो वह सत्य ही करते हो .. सत्य का वरदान मिल गया है ... सतयुग है निर्विकारी दुनिया ... योगबल है मुख्य ... ज्ञान बड़ा सहज और रमणीक है .. महेनत भी है .. इस योग की ही महिमा है जिससे तुमको सतोप्रधान बनना है ... सतोप्रधान बनाने का रास्ता बाप ही बतलाते है .. तुमको पावन बनना है तो बाप कहते है मामेकम याद करो ... और कोई बातों में नही जाओ ... देवता में उंच पद पाना वह फिर पढाई और एक्टिविटी पर है ....


मीठे बच्चे सत बाप द्वारा संगम पर तुम्हें सत्य का वरदान मिलता है इसलिए तुम कभी भी झूठ नही बोल सकते हो ... निर्विकारी बनने की महेनत के लिए --- आत्मा अभिमानी बनने की महेनत जरुर करनी है ... भ्रकुटी के बिच में आत्मा को ही देखने का अभ्यास करो ... आत्मा होकर आत्मा से बात करो ... आत्मा होकर सुनो .. देह पर द्रष्टि न जाए ... यही मुख्य महेनत है .. इसी मेहनत में विध्न पड़ते है .. जितना हो सके यह अभ्यास करो – की मैं आत्मा हू .. मैं आत्मा हू ... बाप कहते है निर्विकारी बनना है .. दैवीगुण धारण करें है ... कल्प कल्प बाप कहते है काम महाशत्रु है ... आत्मा को ही देखना है ... देह अभिमान को छोडो ... इस समय तुमको देहि अभिमानी बन वापिस जाना है .. .वरदान – पुरुषार्थ और सेवा में विधिपूर्वक वुद्धि को प्राप्त करें वाले तीव्र पुरुषार्थी भव ... स्लोगन – स्वच्छता और सत्यता में सम्पन बनना ही सच्ची पवित्रता है ....

त्रिमूर्ति निराकर परमपिता परमात्मा भगवान पतितपावन गीताज्ञानदाता ज्ञानसागर सतबाप सतटीचर सतगुरु शिवबाबा से नर से नारायण बनने की पढाई पढ़ने वाली सत्य स्वच्छ पावन दिव्य निश्चयबुद्धि विजयी आत्मा .... नोलेजफूल फूल आत्मा ... दिलखुश आत्मा  ... आत्मा का पाठ पक्का .. पवित्रता की महेनत ... आत्मा आत्मा भाई भाई का पवित्रस्वरूप पावनस्वरूप सत्यस्वरूप ... चक्र की स्मुर्ती स्वरूप पूज्यआत्मा ... एक बाप की याद वाला सत्य स्वच्छ साफ निडर निर्भय निर्वेर पक्का निश्चयबुद्धि विजयी ... देहिअभिमानी ... आत्मअभिमानी .. मनमनाभव .. मायाजित महावीर महारथी .. योग से विश्व का मालिक ...  देवता स्वरूप की स्मुर्ती ... सत्य स्वच्छ पवित्र पावन दिव्यता सतोप्रधान में सम्पन सम्पुर्ण स्वरूप आत्मा ... समान सम्पन सम्पूर्ण कर्मातिती आत्मा ... कारण का निवारण ... अमूर्तवेले से रात तक मनसा वाचा कर्मणा सबंध समर्पक में विधिपूर्वक चलते वुद्धि करें वाली सिद्धि स्वरूप तीव्र पुरुषार्थी आत्मा .. अच्छी एक्टिविटी वाला पावन फूल ... सम्पूर्ण निर्विकारी देवता ... सतयुग स्वर्ग का पूज्य देवी देवता धर्मं का हम सो पवित्र पावन सतोप्रधान पूज्य देवता .. विश्व का मालिक ... सेंटर सर्विस ... ईश्वरीय मिशन का सेल्वेशन आर्मी ... बाप टीचर सतगुरु की वाह ... वाहबाबा वाहड्रामा वाहतक़दीर .. वाहमीठापरिवार  ... DARPPP SSSMDDV ADPBFDJ

एक बाप की याद वाल सम्पुर्ण निर्विकारी देहि विदेही सत्य स्वच्छ पवित्र पावन सतोप्रधान निश्चयबुद्धि विजयी आत्मा
विधि पुर्वक चलने वाला महावीर महारथी सैल्वेशन आर्मी ..


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