Thursday, December 10, 2015

10 12 2015 SHIVBHGVANUVACH SHIVSANDESH GYDS OMSHANTI

10 12 2015 SHIVBHGVANUVACH SHIVSANDESH GYDS OMSHANTI


मीठे मीठे स्किल्धे बच्चों प्रति मातपिता बापदादा का यादप्यार और गुडमोर्निग .. रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते .... रूहानी बाप समझाते है की अपने को आत्मा निश्चय कर बैठो और बाप को याद करो तो तुम्हारे सब दुःख दूर हो जायेंगे ... यह है भारत का प्राचीन सहज राजयोग ... जो अच्छी रीती याद में रहेंगे वही उंच पद पाएंगे .. बाप की याद और श्रीमत पर चलने से ही ज्ञान की धारणा होगी ... बाप कहते है नइ दुनिया में जाना है तो सतोप्रधान बनना है ... मामेकम  याद करो तो पाप कट जाए और दैवीगुण धारण करो तो देवता बन जायेंगे .... अलफ को जाने से अब कुछ जान जायेंगे ... मेरे द्वरा मेरे को जानने से तुम सब कुछ जान जायेंगे ... बाकि जाने का कुछ रहेगा नही ... अपने को आत्मा समझो और बाप को याद करो --- यही है याद की यात्रा ... यही बाप का मैसेज देना है ... तुम पढते हो नइ दुनिया के लिए .. पढकर पास करेंगे तो दैवी कुल में जायेंगे ...



मीठे बच्चे यह पतित दुनिया एक पुराना गाँव है ... यह तुम्हारे रहने लायक नही ... तुम्हे अब नइ पावन दुनिया में चलना है ... बाप अपने बच्चों को उन्नति युक्ति बाताते है --- बच्चे, तुम आज्ञाकारी बन बापदादा की मत पर चलते रहो ... बापदादा दोनों इकट्ठे है .. इसलिए अगर इनके कहने से कुछ नुकशान भी हुआ तो भी रेस्पानिस्बुल बाप है .. सब ठीक कर देगा .. तुम अपनी मत नही चलाओ ... शिवबाबा की मत समझकर चलते रहो तो बहुत उन्न्ति होगी .... बाप कहते है याद की यात्रा पर रहो .. दैवीगुण धारण करने है .. सर्वगुण सम्पन्न यहाँ बना है इसलिए बाबा कहते है चार्ट रखो ... याद की यात्रा का भी चार्ट रखो तो पता पडेगा की हम फायदे में है या घाटे में ... देह के सब सबंध छोड़, पुरानी दुनिया में सबका बुद्धि से त्याग करना है क्योंकि अब वापिस जाना है, अशरीर बना है ... वरदान - सदा भगवान और भाग्य की स्मुर्ती में रहने वाले सर्वश्रेष्ठ भाग्यवान भव ... स्लोगन – अपने हर्षितमुख चेहरे से सर्व प्राप्तियों की अनुभति कराना – सच्ची सेवा है ..

 

अविनाशी निराकार पतितपावन बाप टीचर सतगुरु शिवबाबा से नइ दुनिया की वा सहज राजयोगी की पढाई पढने सुनने वाला मरजीवा ब्राहमण बच्चा .... पढाई पर पूरा ध्यान ... अच्छी रीत पढाई ... याद पढाई वाला हेल्थ वेल्थ हेपी ...भगवान और भाग्य की स्मुर्ती में रहने वाला बाप का रूहानी मीठा स्किल्धा लाडला सर्वश्रेष्ठ भाग्यवान बच्चा ... रूहानी गुप्त वोरियर्स .. अजर अमर अविनाशी आत्मा .... बंधनमुक्त जीवनमुक्त आत्मा ... मन्मनाभव ... हड्डी प्रीत,जिगरी प्रीतसच्ची याद वाली अशरीर अव्यक्त कर्मातीत आत्मा ... दूरदेशी दिव्यबुद्धि दिव्यस्वरूप आत्मा ... याद का चार्ट  ... बाप की मत श्रीमत डायरेकशन शिक्षा समझानी पर चलने वाला आज्ञाकारी वफादार फरमानबरदार बच्चा ... फुलपास दिव्यगुणधारी दिव्यगुणमूर्त दिव्यस्वरूप ... पावन प्रिंस ..... सतयुग स्वर्ग पावन दुनिया का पवित्र पावन सतोप्रधान सर्वगुण सम्पन उंच हर्षितमुख देवता .... सर्विस का शौक ... मित्र सबंधी का उद्धार ... मन्मनाभव का पैगाम ... सतोप्रधान बनने का पैगाम ... सर्व का कल्याणी .. त्रिमूर्ति चित्र सर्विस ... सर्व को सर्व प्राप्तियों की अनुभूति कराने वाला हर्षितमुख प्राप्तिस्वरूप आत्मा .. वाह बाप टीचर सतगुरु वाह ... वाहबाबा वाहड्रामा वाहहमबच्चे ... वाह तकदीरवाह ....  


अविनाशी बाप का पवित्र पावन सतोप्रधान दिव्यस्वरूप प्रतिबुद्धि बंधनमुक्त आज्ञाकारी

हर्षितमुख प्राप्तिस्वरूप सर्वकल्याणी सर्वगुण सम्पन्न बच्चा

देहिअभिमानी आत्मअभिमानी रूहानीअभिमानी परमात्माअभिमानी परमात्मज्ञानी परमात्माभाग्यवान

सर्वगुणसम्पन सोलहकलासम्पुर्ण सम्पुर्णनिविकारी मर्यादापुरुसोत्तम डबलअहिंसक डबलताजधारी ...

आत्मास्वरूप देवतास्वरूप पूज्यस्वरूप ब्राह्मणस्वरूप फरिश्तास्वरूप दिव्यस्वरूप ज्वालास्वरूप ..


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