04/11/2015 GYDS SHIVSANDESH OMSHANTI
मीठे मीठे सिकिल्धे बच्चों प्रति मातपिता बापदादा का यादप्यार और गुडमोर्निग .. रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते .... मीठे बच्चे तुम भी वर्ल्ड सर्वेंट हो ... तुम्हें किसी भी बात में देह अभिमान नही आना चाहिए .... कोई भी फिल्मी कहानिया सुनना वा पढ़ना, नोविल्स पढ़ना --- यह आदत बिलकुल बे कायदे है ... इससे बहुत नुकशान होता है ... बाबा की मना है – बच्चे तुम्हें ऐसी कोई किताबे नही पढनी है ... ऐसी कोई पुस्तके पढता है तो तुम एक दो को सावधान करो ... पावन बनने की लिए रोज पढ़ना और रोज बाप को याद करना है ... आत्मा समझ मामेकम याद करो ... अशरीरी आये हो, अब अशरीरी बनकर जाना है ... शिवभगवानुवाच – हे बच्चों तुम अपने को आत्मा समझ मुझे याद करो ... ... श्रेष्ठ बनाने वाला एक ही उंच शिवबाबा है ... बाप बैठ बच्चों को शिक्षा देते है बच्चे आत्मा अभिमानी बनो ... तुमको अभी शिक्षा मिलाती है २१ जन्मों के लिए ... शिवभगवानुवाच - मन्मनाभव ... ब्रह्मा बाप समान श्रेष्ठ ते श्रेष्ठ तस्वीर बनाने वाले परोपकारी भव ... सर्वस्व त्यागी बनने से ही सरलता व् सहनशीलता का गुण आएगा
उंच बाप टीचर सतगुरु पतितपावन श्री श्री शिवबाबा की श्रीमत सावधानी शिक्षा से को धारण करते विश्व महाराजन बनने की पढाई पढ़ने वाला सौभाग्यशाली पदमापदमभाग्यशाली आत्मा ... खबरदारी से एम ऑब्जेक्ट को समाने रखते पुरुषार्थ .... नशे और निशाने वाला देहिअभिमानी ... याद की यात्रा से सतोप्रधान ... निराकारी निर्विकारी दुनिया का शांत शीतल पवित्र पावन सतोप्रधान आत्मा ... योगबल वाली अशरीरी अव्यक्त कर्मातिती आत्मा ... निडर निर्भय सहनशील सरल सर्वत्यागी लवलीनमूर्त आत्मा ... बेगर टू प्रिंस ... श्रेष्ठ स्मुर्ती और श्रेष्ठ कर्म द्वारा तक़दीर की तस्वीर बनाने वाला समान सम्पन सम्पूर्ण आत्मा .. एक दो को सावधानी ... कायदे की चलन ... उंच गुणवान विश्व का मालिक.. श्रीमत पर विश्व का मालिक .... तृप्त भरपूर सरल स्पष्ट श्रेष्ठ संतुष्ट शुभ सभ्य रियल रोयल ... प्राप्तिस्वरूप देवता ... शीतल नयन ... दिव्यगुणधारी देवता ... सर्वश्रेष्ठ देवता ... पावन प्रिंस ... अहिंसक देवता ... शन्तिदेवा ... सर्विस का नशा ... ज्ञान की धारणा और समझानी ... सफेद सारी और बैज से सेवा ... सर्विस का शौक ... पैगाम की युक्ति ... पूरी महेनत से सेवा ... एम् ऑब्जेक्ट का चित्र सदा साथ ... बड़े दिल से सेवा ... उमंग से सेवा .... चित्र द्वरा सेवा .... निस्वार्थ सेवा .. परोपकार की भावना से सेवा ... स्नेही सहयोगी ..... वाहबाबा वाहड्रामा वाहमें .. सर्वसबंध सर्वशक्ति सर्वगुण सर्वकला सर्वप्राप्ति सर्वसिद्धि सर्वअधिकारी सर्वखजानों में अचल अडोल अटूट अटल समान सम्पन सम्पूर्ण ज्वाला ... सम्पुर्ण स्वभाव संस्कार वाला सम्पुर्ण आकारी अव्यक्त कर्मातिती फरिश्ता ... समर्थ सफल समान सम्पन सम्पूर्ण विजयी का विजयी स्वरूप जागतीज्योत .. शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आप का लाखगुना पदमगुना अरब खरब अक्षोनी टाइम सुक्रिया
ADPBF - DVAAK - DARPPP – SSSMDDV ...
बाप का सौभाग्यशाली पदमापदमभाग्यशाली तृप्त भरपूर प्राप्ति स्वरूप बच्चा …
निर्स्वार्थ परोपकारी शांत शीतल दिव्य स्वरूप का फरिश्ता ...
सतयुग स्वर्ग का का डबल अहिंसक सर्वश्रेष्ठ देवता ...
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