Wednesday, November 11, 2015

12/11/2015 GYDS SHIVSANDESH OMSHANTI


12 11 2015 GYDS SHIVSANDESH OMSHANTI

मीठे मीठे सिकिल्धे बच्चों प्रति मातपिता बापदादा का यादप्यार और गुडमोर्निग .. रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते ... मीठे बच्चे यह भुलैया का खेल है ... तुम घड़ी घड़ी बाप को भूल जाते हो ... निश्चयबुद्धि बनो तो इस खेल में फसेंगे नही ... तुम्हारा कर्तव्य है – अपनी पढाई में अच्छी रीती लग जाना, और बातों में नही जाना है ... बाप तुम्हें नयनों पर बिठाकर, गले का हार बनाकर साथ ले जायेंगे ... बाकी तो सबको अपना अपना हिसाब किताब चुक्तु करके जाना ही है .. बाप आये है सबको अपने साथ घर ले जाने ... बाप शांति सुख सम्पति की स्थापना कर रहे है ... बच्चों को पूरा पुरुषार्थ करना चाहिए – नइ दुनिया में उंच पद पाने ... यह तो बेहद का झाड है .. ढेर धर्म है ... सच्ची दिवाली याद की यात्रा ही है जिससे आत्मा की ज्योति २१ जन्मों के लिए जग जाती है .. बहुत कमाई होती है .. तुम बच्चों को बहुत खुशी होनी चाहिए ... अभी तुम्हारा नया खाता शुरुर होता है नइ दुनिया के लिए ... २१ जन्मों के लिए खाता अभी जमा करना है ... आत्मा समझ ज्ञान सुनने से खुशी रहेगी ... बाप आये है बेहद का सुख देने ... बाप का बनने से ही बेहद का वर्सा पाते है ... यह है रूहानी ज्ञान जो मैं तुम बच्चों को देता हू ... रूहानी बाप द्वरा हमको पद मिलता है ... आत्मा तो है ही शांतिधाम में रहने वाली .... बाप कहते है तुम अब स्वधर्म में टीको  .. अपने को आत्मा समझो .. आत्मा का स्वधर्म है शांत ... शांतिधाम तुम्हारा घर है ... जहाँ से पार्ट बजाने तुम आते हो ... बाप तुम बच्चों को कितना प्यार से नयनों पर बिठाकर ले जाते है . गले का हार बनाए सबको ले जाता हू ... ज्ञानचिता पर बिठाए हिसाब किताब चुक्तु कराए वापिस ले जाते है ... अब तुम्हारा काम है पढ़ने से ... बाप को याद करो और देहि अभिमानी बनो .. वरदान – शुद्ध संकल्पों की शक्ति के स्टोक द्वारा मनसा सेवा के सहज अनुभवी भव ... स्लोगन :- मन से सदा के लिए इर्षा द्रेष को विदाई दो तब विजय होगी ...
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> बेहद का त्रिमूर्ति पारलौकिक परमपिता परमात्मा गोडफादर भगवान बाप टीचर सतगुरु निराकार शिवबाबा से आत्मा समझ ज्ञान सुनने वाला खुशहाल आस्तिक त्रिकालदर्शी बेहद का स्टूडेंट बच्चा ... बाप के समीप सन्मुख साथ वाला ८४ जन्म वाला अभुल निश्चयबुद्धि ... बेहद का वर्सा, बेहद का सुख की पढाई पढ़ने वाला आत्मअभिमानी बच्चा ... अच्छी रीती पढाई .. पूरा पुरुषार्थ ..  जोर का पुरुषार्थ .. घर और राजधानी का पुरुषार्थ .. भाई भाई का पावन स्वरूप ... मनजित मायाजित मोहजित ... याद की यात्रा की सच्ची दीपावली मनाने वाली जागती ज्योत ....  शुभ शुद्ध श्रेष्ठ अंतरमुखी ... विजयीमूर्त अनुभवीमूर्त ... शांतिधाम की निवासी शांतस्वरूप स्वधर्मस्वरूप आत्मा ... ड्रामाँ को देखते अपना पुरुषार्थ अपनी पढाई और बाप की याद में मस्त रहते नया खाता वा २१ जन्म का खाता जमा करें वाली देहिअभिमानी आत्मा ... ज्ञानचिता से हिसाब किताब चुक्तु करें वाली पावन पुण्यात्मा ... उंच पद का देवता ... पवित्र पावन पारस सतोप्रधान देवता ... मनसा सेवा ... सर्व की ज्योत जगाने वाली जागती ज्योत ... वाहबाबा वाहड्रामा वाहमें .. सर्वसबंध सर्वशक्ति सर्वगुण सर्वकला सर्वप्राप्ति सर्वसिद्धि सर्वअधिकारी सर्वखजानों में अचल अडोल अटूट अटल समान सम्पन सम्पूर्ण ज्वाला ... सम्पुर्ण स्वभाव संस्कार वाला सम्पुर्ण आकारी अव्यक्त कर्मातिती फरिश्ता ... समर्थ सफल समान सम्पन सम्पूर्ण विजयी का विजयी स्वरूप जागतीज्योत .. शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आप का लाखगुना पदमगुना अरब खरब अक्षोनी टाइम सुक्रिया … ADPBF - DVAAK -  DARPPP – SSSMDDV..

> परमधाम में बाप के समीप सन्मुख साथ सेफ और छत्रछाया रहने वाली विशेष चमकती जागती ज्योत

> शांतिसागर की सन्तान मास्टर शांति का सागर .. शांतस्वरूप शांतिमूर्त शांतिदूत शांतिदेवा शांति का फरिश्ता

> नइ दुनिया नवयुग का शांत शीतल पवित्र पावन पारस सतोप्रधान दिव्यस्वरूप देवता ...

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