Wednesday, November 18, 2015

16 11 2015 GYDS SHIVSANDESH OMSHANTI

16 11 2015 GYDS SHIVSANDESH OMSHANTI

मीठे मीठे सिकिल्धे बच्चों प्रति मातपिता बापदादा का यादप्यार और गुडमोर्निग .. रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते .... मीठे बच्चे तुम देहि अभिमानी बनो तो सब बीमारियाँ खत्म हो जायेगी और तुम डबल सिरताज विश्व के मालिक बन जायेंगे ... बाप के सन्मुख किन बच्चों को बैठना चाहिए ??? – जिन्हें ज्ञान डांस करना आता है ज्ञान डांस करें वाले बच्चे बाप के सन्मुख होते है तो बाबा की मुरली भी ऐसी चलती है .... खुशी से दूरदेश से बाप आकर हमको पढ़ाते है राजयोग सिखलाते है ... तुम्हारा घर है मुक्तिधाम अर्थवा निराकारी दुनिया ... आत्मा को कहा जाता है निराकारी सोल ... आत्मा इस आकाश ततं से पार चली जाती है ... यु तो तुम आत्माएं जब पवित्र बन जायेगी तो फिर रोकेट मिसल तुम उड़ने लग पडेंगे ... बेहद का बाप आकर विश्व का मालिक बनाते है ... बाप आकर पढाते है, सर्व की सद्गति करते है ... विनाश भी समाने खड़ा है ... रात्रि को सोते समय बाबा को याद करते, चक्र को बुद्धि में याद करते रहो ... तुम वारियर्स हो योगबल के .. मुझे याद करने से तुम सतोप्रधान बन जायेगा .... जब सतोप्रधान बन जायेंगे तब फिर आत्माओं की बारात निकलेगी ... शिवबाबा के पिछाडी सब आत्माएं मच्छरों स्द्श्य भागेगी ... बाकि शरीर सब खत्म हो जायेग .... वरदान – एकता और संतुष्टता के सर्टिफिकेट द्वरा सेवाओं में सदा सफलतामूर्त भव ... स्लोगन – आत्म स्थति में स्थित होकर अनेक आत्माओं को जियदान दो तो दुआएं मिलेगी ... मैं ही सर्वशक्तिमान हू ....

रूहानी गोडफादर पतितपावन दुःखहर्ता सुखकर्ता बाप त्चर सतगुरु शिवबाबा से राजाइ वा डबल सिरताज बनने की पढाई पढते खुशी से ज्ञान डांस करें वाला रूहानीअभिमानी देहिअभिमानी संतुष्ट चात्रक आत्मा  ... परमधाम निराकारी दूर देश का रहने वाली न्यारी प्यारी निराली अशरीरी अव्यक्त कर्मातिती आत्मा ... याद से पारसबुद्धि ... योगबल से विश्व का मालिक उठते बैठते बाप की याद वाला देहिअभिमानी ... मामेकम स्वरूप ... योगबल वाल रूहानी वोरियेर्स ... सर्व के लिए श्रेष्ठ भावना ... एकता एकमत और संस्कारों की यूनिटी वाला सफलतामूर्त ... सर्वस्नेहीमूर्त ... प्रक्टिकलमूर्त ... सोने से पहेले योग और चार्ट .... आदि सनातन देवी देवता धर्मं का पवित्र पावन पारस सतोप्रधान डबल सिरताज उंच देवता ... विश्व का मालिक ... संतुष्ट रहें और संतुष्ट करें वाली संतुष्टमणी .. सूरत से बाप दिखाई दे ... सर्व को जियदान देने वाला आत्मिकस्वरूप .... वाहबाबा वाहड्रामा वाहमैं



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