Sunday, November 01, 2015

02 11 2015 GYDS SHIVSANDESH OMSHANTI

02 11 2015 GYDS SHIVSANDESH OMSHANTI 

मीठे मीठे सिकिल्धे बच्चों प्रति मातपिता बापदादा का यादप्यार और गुडमोर्निग .. रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते .. मीठे बच्चे आत्मा को सतोप्रधान बनाने का फुरना वा फिक्र रखो .. कोई भी खामी वा कमी रह न जाए .. माया गफलत न करा दे ... सदा मुख से यही शुभ बोल बोलो की हम नर से नारायण बनेगे .. कम नही ... हम ही विश्व के मालिक थे .... फिर से बनेगे ... यह मजिंल ऊँची है ... इसलिए बहुत बहुत खबरदार रहना है ... अपना पोतामले देखना है ... एम् ऑब्जेक्ट को सामने रख पुरुषार्थ करते रहना है ... हार्टफेल नही होना है .. आत्मा समझ बाप को याद करना यह है पहला और लास्ट पाठ ... इसका अभ्यास बहुत जरुरी है ... यह है ही राजयोग बल ... टाइम निकला याद में बैठो तब ही आत्मा पवित्र होगी ... पहले नम्बर की सब्जेक्ट ही यह है की हम आत्मा सतोप्रधान बने ... २१ जन्मों की कमाई में गफलत नही करनी चाहिए ... देह को भूल अपने को आत्मा समझो ... देह के सब सबंध छोड़ अपने को आत्मा समझो .. तुम आत्मा अशरीरी आई थी .. अब फिर वापिस जाना है ... पवित्र आत्माएं ही वापिस जा सकेंगी .. उंच शिव बाप आया है उनको पहेचान उनका बन उनसे मिलो ... अपना कल्याण करना है ... खुशियों के अखूट खजाने से भरपूर सदा बेफिक्र बादशाह भव ... इस संसार को एक अलौकिक खेल और परिस्थियों को खिलौना मानकर चलो तो कभी निराश नही होंगे ....

 

ज्ञानसागर पतितपावन बाप टीचर सतगुरु शिवबाब से बैठ के पढने वाला आत्माअभिमानी ... ८४ जन्म का अविनाशी पार्ट वाली अविनाशी आत्मा ... हिम्मत उमंग उत्साह नशे वाला पुरुषार्थ ... सदा खबरदार अलर्ट अटेंशन अथक दिलखुश होकर पुरुषार्थ करें वाला दिलतख़्तनशिन .... एम् ऑब्जेक्ट को सामने रखते उंच पुरुषार्थ ... पूरीपढाई पूरीयाद से पूरापुरुषार्थ  ... हर हालत में उंच पद का पुरुषार्थ ... समय निकाल  बाप की याद .. धंधा करते बाप की याद .. बेहद बाप की याद .. कर्म करते याद .. यादयात्रा यादबल योगबल वाल राजयोगी राजा ... पवित्र पावन सतोप्रधान सतोगुणी सर्वश्रेष्ठ उंच आत्मा ... मन्मनाभवस्वरूप .. ज्ञानस्वरूप यादस्वरूप धारणास्वरूप वाला आत्माअभिमानी .. आत्मा मालिक ... अपना पोतामेल वा चार्ट .. ड्रामा को सक्षी हो देखने वाला साक्षीद्रष्टा .. पवित्र पावन सतोप्रधान देवता .. उंच देवता .... पावन दुनिया का पावन देवता .... सत्य नारायण .... विश्व का मालिक ...  सर्व को रास्ता बताने वाली अन्धों की लाठी ... ज्ञान समझानी से कपाट खोलने की सर्विस ..... श्रेष्ठ दिव्य कर्म करें वाली दिव्यस्वरुप आत्मा ... पढ़ने पढाने वाला मास्टर मुरलीधर .. यादबल पढाईबल धारणाबल सेवाबल से अपना और सर्व का कल्याण करें वाला बेहद का सर्व कल्याणी .... वाहबाबा वाहड्रामा वाहमें .. सर्वसबंध सर्वशक्ति सर्वगुण सर्वकला सर्वप्राप्ति सर्वसिद्धि सर्वअधिकारी सर्वखजानों में अचल अडोल अटूट अटल समान सम्पन सम्पूर्ण ज्वाला ... सम्पुर्ण स्वभाव संस्कार वाला सम्पुर्ण आकारी अव्यक्त कर्मातिती फरिश्ता ... समर्थ सफल समान सम्पन सम्पूर्ण विजयी का विजयी स्वरूप जागतीज्योत ..  शुक्रिया बाबा शुक्रिया, आप का लाखगुना पदमगुना अरब खरब अक्षोनी टाइम सुक्रिया

 

ADPBF - DVAAK -  DARPPP – SSSMDDV ..

बेहद बाप का बेहद पवित्र सतोप्रधान सर्व कल्याणी बच्चा ...

सतयुग स्वर्ग सुखधाम का पवित्र पावन सतोगुणी सतोप्रधान उंच देवता ....


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