Tuesday, December 15, 2015

15 12 2015 SHIVBGVANUVACH SHIVSANDESH GYDS OMSHANTI


15 12 2015  SHIVBGVANUVACH  SHIVSANDESH GYDS OMSHANTI

मीठे मीठे स्किल्धे बच्चों प्रति मातपिता बापदादा का यादप्यार और गुडमोर्निग .. रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते ... देहि अभिमानी होकर बैठना और आत्मा को देखना की प्रक्टिस करनी है ... अभी अपने को भाई भाई समझकर ज्ञान देने की आदत डालनी है ... अभी तुम सच्चे सच्चे ब्रदरस हो क्योंकि तुम बाप को जानते हो ... बाप तुम बच्चों के साथ सर्विस कर रहे है .. हिम्मते बच्चे मददे बाप ... तो बाप आकरके यह हिम्मत देते है सर्विस करें की ... रूहानी स्प्रिच्युअल नोलेज मिलती भी तब है जब सुष्टि बदलने वाली है ... बाप आकर यही तो रूहानी नोलेज देते है अपने को आत्मा समझो ... अपने लिए महेनत करनी है ... अपने को आत्मा समझ करके अपने साथ महेनत करनी है ... खुद महेनत करनी है ... आत्मा समझ आत्मा को ज्ञान देंगे तो तुम्हारी ज्ञान तलवार में जौहर रहेगा ... इस समय दुःखसुख निंदास्तुति मानअपमान सब सहन करना है ... बाप कहते है विकार की, न काम की, न क्रोध की ताली बजाओ ... तुम जब देवता बनते हो तो देवताओं की भी पूजा करते है इसलिए पूजा में भी तुम तीखे, यादगार में भी तुम तीखे और बदशाही में भी तुम तीखे ... देखो, तमको कितना उंच बनाता हू .. तो जैसे प्यारे बच्चे होते है .. बहुत लव होता है तो बच्चों को कुल्हरे पर माथे पर भी रखते है ... बाबा एकदम सीर पर रख देते है .. अच्छा


मीठे बच्चे चैरिटी बिग्न्स एट होम अर्थात पहले खुद आत्म अभिमानी बनने की महेनत करो ... फिर दूसरों को कहो, आत्मा समझकर आत्मा को ज्ञान दो तो ज्ञान तलवार में जौहर आ जायेगा ... संगमयुग पर दो आतों की महेनत कर सतयुग तख़्त के मालिक बन जायेगे – १ – दुःख सुख, निंदा स्तुति में समान स्थिति रहे – यह महेनत करो ... कोई भी कुछ उल्टा सुलटा बोले क्रोध करे तो तुम चुप हो जाओ ... कभी भी मुख की ताली नही बजाओ ... --- २ आँखों को सिविल बनाओ ... क्रिमिनल आई बिलकुल समाप्त हो जाए ... हम आत्मा भाई भाई है .. आत्मा समझकर ज्ञान दो ... आत्म अभिमानी बनने की महेनत करो तो सतयुग तख़्त के मालिक बन जायेंगे ... सम्पूर्ण पवित्र बनने वाले ही गद्दी नशीन बनते है .... बाप से वर्सा लेने का हक सब आत्माओं को है ... बाबा आते है सभी आत्माओं को अपना अपना शांति व सुख का वर्सा देने ... पावन बनना है ... जब तुम बिलकुल पवित्र हो जाते है गदी नशीन हो जाते हो ... हर एक का कल्याण करना ही है ... हर पांच हजार वर्ष के बाद मेरे को आना होता है .. ड्रामा के प्लेन अनुसार मैं बंधायमान हू .. आकरके बच्चों को बहुत सहज याद की यात्रा सिखलाता हू ... बाप की याद में अंत मति सो गति हो जायेगी ... यह इस समय के लिए है ... यह अंतकाल है .. अभी इस समय बाप बैठ करके युक्ति बतलाते है की मामेकम याद करो तो सद्गति हो जायेगी ... यह नाटक ही है चढना और उतरना ...  अब सबको वापिस जाना है ... आत्मा परमात्मा और ड्रामा अनादी अविनाशी है ... बना बनाया है .. यह कुदरत है ... बाप तो घड़ी घड़ी कहते नथिंगन्यू ... बाप की शिक्षा को आत्मा भाइओं को सब को देनी है ..

वरदान – सर्व के दिल का प्यार प्राप्त करें वाले न्यारे प्यारे नि:संकल्प भव ...

स्लोगन – एक बाबा शब्द ही सर्व खजानों की चाबी है – इस चाबी को सदा सम्भालकर रखो ...

स्प्रिचुल फादर देवों का देव रूहानी बाप टीचर सतगुरु शिवबाबा कि बातों को सुनने समाने वाला बाप का रूहानी मीठा सिकिल्धा बच्चा .... ज्ञान का विचार सागर मथन .. परमात्मा बाप से ज्ञान की लेने वाला आत्मअभिमानी देहिअभिमानी रूहानीअभिमानी ... गायन पूजन योग्य की महेनत ...  उत्तम पुरुषार्थ ...  उंच पद का पुरुषार्थ ... मन्मनाभव स्वरूप वाला खुशहाल ... आत्मा समझ बाप की याद  ... आत्मा समझ आत्मा भाई से बात ... आत्मा समझ आत्मा को देखना ... न्यारा प्यारा निर्मल निरसंकल्पि प्यारा प्रिय संतुष्ट सर्व कल्याणीमूर्त सफलतामूर्त .. याद में मजबूत तीखा अथक अलर्ट अटेंशन ... रोज अलर्ट अटेंशन से प्रक्टिस अभ्यास आदत महेनत .. ज्ञान के तीसरे नेत्र से अपने आत्मा भाईओं को देखन .. भाई भाई की पवित्र पावन द्रष्टि वुर्ती कुर्ती वाला पवित्र पावन सिविल सतोप्रधान ... पवित्र पावन प्योर तख़्तनशीं ... पवित्र पावन प्योर माला का दाना ... पवित्र पावन डबल पूज्य ... सतयुग स्वर्ग सुखधाम का सम्पूर्ण पवित्र पावन सतोप्रधान दिव्य स्वरूप तख़्तनशीन देवता ... विश्व का मालिक ... सतोप्रधान दुनिया का मालिक ... सेंटर सर्विस .. सर्विस का शौक .. आत्मा का परिचय ... आत्मा समझ ज्ञान दान .. चैरिटी बिग्न्स एट होम ... आप समान बनाने की सेवा ... बाप टीचर सतगुरु की वाह ... वाहबाबा वाहड्रामा वाहतक़दीर .. वाहमीठापरिवार वाह ... DARPPP SSSMDDV ADPBFDJ

रूहानी आत्मिक प्यार की शांतमूर्त कल्याणीमूर्त सफलतामूर्त पवित्रमूर्त पावनमूर्त

पवित्र पावन प्योर सिविल सतोप्रधान विश्वतख़्तनशीन राजतख़्तनसीन दिलतख़्तनशीन


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