Friday, December 04, 2015

05 12 2015 SHIVBHGVANUVACH SHIVSANDESH GYDS OMSHNTI

05 12 2015 SHIVBHGVANUVACH SHIVSANDESH GYDS OMSHNTI

शिवभगवानुवाच --- मीठे मीठे सिकिल्धे बच्चों प्रति मातपिता बापदादा का याद प्यार और गुडमोर्निग .. रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते ... मैं तुम आत्माओं का बाप हू ना ... शिवबाबा ब्रह्मा तन से बोल रहे है ... मैं आया हू पवित्र बनाने ... अभी तुम सर्वगुण सम्पन्न बन रहे हो ... इसको कहा जाता है राजस्व अश्वमेघ अविनाशी रूद्र ज्ञान यज्ञ .... रूद्र व शिव एक ही है .... विराट रूप भी बुद्धि में धारणा करो ... तुम साइलेंस से विश्व पर जीत पाते हो ... तुम बच्चे ज्ञान और विज्ञान का भी यथार्त अर्थ जानते हो ... ज्ञान है समझ और विज्ञान है सब कुछ भूल जाना, ज्ञान से भी परे ... तो ज्ञान भी है, विज्ञान भी है ... आत्मा जनाती है हम शांतिधाम के रहने वाले है फिर ज्ञान भी है ... रूप और बसंत ... बाप कहते है मेरे भक्तों को ज्ञान सुनाओ ... बाप तुमको २१ जन्मों के लिए हेल्दी वेल्दी बनाते है ... तुम अपने योगबल से कर्मेन्द्रियों पर विजयी पा लेते हो .. अच्छी रति याद में रहो ...देहि अभिमानी रहो तो कर्मेन्द्रियों धोखा नही देंगी ... ... तुम्हारा नाम भी है शिवशक्ति भारत माताएं ... शिव से शक्ति लेते हो सिर्फ याद से ... बाप कहते है कृपा की बात नही है सिर्फ डायरेकशन पर चलना है .. श्रीमत मिलती है .. सच्च लिखने से आधा पाप हो जायेगा ... अपना कल्याण करना कहते हो तो श्रीमत पर चलो ... उंच पद पाना है तो मनसा वाचा कर्मणा कोई भी दुःख नही देना है ... कोई कुछ कहता है तो सूना अनसुना कर देना है ... यह महेनत करनी है ...

शिवसन्देश --- मीठे बच्चे रोज विचार सागर मथन करो तो खुशी का पारा चढ़ेगा, चलते फिरते याद रहे की हम स्वदर्शन चक्रधारी है ... अपनी उन्नति करें के लिए रोज पोतामेल रखो .. चेक करो --- आज सारा दिन कोई आसुरी काम तो नही किया ?? ... जैसे स्टूडेंट अपना रजिस्टर रखते है, ऐसे तुम बच्चे भी दैवी गुणों का रजिस्टर रखो तो उन्नति होती रहेगी ... उठते बैठते बुद्धि में रहना चाहिए की हम स्वदर्शन चक्रधारी है ... बाप ब्राह्मणों को पढ़ा रहे है देवता बनाने के लिए ... तो दैवी गुण भी धारण करें है, इनता मीठा बनना है ... कोई को दुःख नही देना है ... बाबा आया हुआ है हमको स्वर्गवासी बनाने ... तो ऐसे बाप की मत पर चलना चाहिए ... आत्मा को पवित्र बनाने के लिए बाप ही रास्ता बता रहे है ... कहते है मुझे याद करो तो तुम सतोप्रधान बन जाएँगे फिर सतोप्रधान दुनिया में आकर राज्य करेंगे ...  यहां तुम्हें भी दैवीगुण धारण करें है .. रोज अपना पोतामेल रखने से बहुत उन्नति होगी .. बाप कहते है – मीठे बच्चे, कभी कोई को दुःख न दो ... गृहस्थ व्यवहार में रहते पवित्र बनो ... वरदान – चलते फिरते फरिश्ते स्वरूप का साक्षात्कार कराने वाले साक्षात्कारमूर्त भव ... स्लोगन --- सदा रूहानी मौज का अनुभव करते रहो तो कभी भी मुझेंगे नही ... बाप आते ही है तुम बच्चों का दुःख दूर क्र सदा के लिए सुख देने ...

निराकार रूपबसंत भगवान बाप टीचर सतगुरु शिवबाबा के सन्मुख पढ़ने वाला रूहानी मीठा सिकिल्धा खुशहाल आस्तिक ब्राह्मण चोटी  बच्चा .. तीनों लोक तीनों काल को जानने वाला त्रिकालदर्शी बच्चा ... विचार सागर मथन से रूहानी मौज नशा खुशी वाला स्वदर्शन चक्रधारी ... शिवशक्ति भारत माता ...उठते बैठते स्वदर्शनचक्रधारी ... पढाई से पद ... देहि विदेही अशरीरी अव्यक्त कर्मातिती बच्चा .. शांतिसागर की सन्तान मास्टर शांति का सागर हू .. शांतिमूर्त हू .. शांतस्वरूप हू ... स्वीट साइलेंस वाला विश्वजीत ... एक मोस्ट बिलवेड बाप की याद वाला शांत शीतल पवित्र पावन सतोप्रधान महान बच्चा ... योगबल वाला कर्मेन्द्रियाजीत .. शिवशक्ति कम्बाइन स्वरूप .. हेल्दी वेल्दी हेपी ... फरिश्ता स्वरूप ...  पावन द्रष्टि वुर्ती कृति वाला पावन फरिश्ता .... पढाई का रजिस्टर ... चलन का रजिस्टर ... रोज दैवीगुण का रजिस्टर .. रात्रि को रोज अपना पोतामेल ... ... उन्नति के लिए पोतामेल .. अपनी अवस्था का रजिस्टर  ... श्रीमत पर अपना कल्याण ... एक बाप मत श्रीमत डायरेकशन से अपना कल्याण वा कृपा .... एक बाप की सुनने वाला ...  पढाई याद धारणा श्रीमत डायरेकशन से अपने पर कृपा ... शांत शीतल मीठा पवित्र पावन सतोप्रधान स्वर्गवासी सम्पूर्ण निर्विकारी डबल अहिंसक उंच देवता ... सुखस्वरूप सुखदेव .... विष्णपूरी का महान हर्षित देवता ... मनसा वाचा कर्मणा सुख देने वाला सुखस्वरूप सुखदेव .. चलते फिरते फरिश्ता स्वरूप के साक्षात्कारमूर्त ..यज्ञ सर्विस ... बाप समान दुःखहर्ता सुखकर्ता ... मंदिर सर्विस ... मेले की सर्विस .... प्रदर्शनी की सर्विस ... वाह सतगुरु वाह वाहबाबा वाहड्रामा वाहहमबच्चे ... वाह तकदीर वाह .... Madhuban jewels http://www.madhubanmurli.net/

बाप का रूहानी मीठा सिकिल्धा शांत शीतल पवित्र पावन सतोप्रधान अव्यक्त अशरीर अव्यक्त आकारी फरिश्ता ...
स्वदर्शनचक्रधारी त्रिकालदर्शी रूपबसंत सुखस्वरूपसुखदेव शिवशक्ति भारतमाता
देहिअभिमानी आत्मअभिमानी रूहानीअभिमानी परमात्माअभिमानी परमात्मज्ञानी परमात्माभाग्यवान
सर्वगुणसम्पन सोलहकलासम्पुर्ण सम्पुर्णनिविकारी मर्यादापुरुसोत्तम डबलअहिंसक डबलताजधारी ...
आत्मास्वरूप देवतास्वरूप पूज्यस्वरूप ब्राह्मणस्वरूप फरिश्तास्वरूप दिव्यस्वरूप ज्वालास्वरूप ..

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