Wednesday, July 17, 2013

★ Today Murli ( God's Word For Today ) - Hindi: 18-07-2013★

Today Murli ( God's Word For Today ) - Hindi: 18-07-2013

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे-यह ऑलमाइटी गवर्मेन्ट है, बाप के साथ धर्मराज भी है, इसलिए बाप को अपने किये हुए पाप बताओ तो आधा माफ हो जायेगा'' 
प्रश्न:- राजधानी का मालिक और प्रजा में साहूकार किस आधार पर बनते हैं? 
उत्तर:- राजधानी का मालिक बनने के लिए पढ़ाई पर पूरा ध्यान चाहिए। पढ़ाई से ही पद की प्राप्ति होती है। साहूकार प्रजा बनने वाले नॉलेज लेंगे, बीज भी बोयेंगे (सहयोगी बनेंगे), पवित्र भी रहेंगे लेकिन पढ़ाई पर पूरा ध्यान नहीं देंगे। पढ़ाई पर ध्यान तब हो जब पहले पक्का निश्चय हो कि हमें स्वयं भगवान् पढ़ाने आते हैं। अगर पूरा निश्चय नहीं तो यहाँ बैठे भी जैसे भुट्टू हैं। अगर निश्चय है तो रेग्युलर पढ़ना चाहिए। धारण करना चाहिए। 
गीत:- नयन हीन को राह दिखाओ प्रभू........ 
धारणा के लिए मुख्य सार:- 
1) इस अन्तिम जन्म में पवित्रता की प्रतिज्ञा कर पान का बीड़ा उठाना है। आत्मा को काले से गोरा सतोप्रधान बनाने का पुरुषार्थ करना है। 

2) अविनाशी प्रालब्ध बनाने के लिए निश्चयबुद्धि बन पढ़ाई रेग्युलर पढ़नी है। बाकी जो अब तक पढ़ा है वह बुद्धि से भूल जाना है। 

वरदान:- चेहरे द्वारा सम्पन्न स्थिति की झलक और फलक दिखाने वाले सर्व प्राप्ति स्वरूप भव 
संगमयुग के ब्राह्मण जीवन की विशेषता है - सदा सुख-शान्ति के, खुशी के, ज्ञान के, आनंद के झूले में झूलना। सर्व प्राप्तियों के सम्पन्न स्वरूप के अविनाशी नशे में स्थित रहना। चेहरे पर प्राप्ति ही प्राप्ति है, उस सम्पन्न स्थिति की झलक और फलक दिखाई दे। जैसे स्थूल धन से सम्पन्न राजाओं के चेहरे पर भी वह चमक थी, यहाँ तो अविनाशी प्राप्ति है, तो प्राप्तियों की रूहानी झलक और फलक चेहरे से दिखाई दे। 
स्लोगन:- खुशनसीब वह है जो सदा खुश रहकर खुशी का खजाना बांटता रहे। 
 

 In Spiritual Service,
    Brahma Kumaris

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