Essence of Murli (H&E): August 04, 2014:
Slogan: Those who sustain all souls with the power of peace(shanti ki shakti) are spiritual social workers.
प्रश्न:- माया किन बच्चों को ज़रा भी तंग नहीं कर सकती?
उत्तर:- जो पक्के योगी हैं, जिन्होंने योगबल से अपनी सर्व कर्मेन्द्रियों को शीतल बनाया है, जो योग में ही रहने की मेहनत करते हैं, उन्हें माया ज़रा भी तंग नहीं कर सकती । जब तुम पक्के योगी बन जायेंगे तब लायक बनेंगे । लायक बनने के लिए प्योरिटी फर्स्ट है ।
Essence:
Sweet children, the more you remember the Father, the more light there
will be in the soul. Knowledgeable souls begin to sparkle.
Question: Which children can Maya not harass even slightly?
Answer:
Those who are firm yogis, those who make all their physical senses cool
with the power of yoga, who make effort only to stay in yoga can never
be even slightly harassed by Maya. When you become firm yogis, you will
become worthy. In order to become worthy, you first require purity.
Essence for Dharna:
1.
In order to become an elevated being, make the soul pure with the power
of remembrance. Do not perform any sinful actions through the physical
organs.
2.
Become knowledgeable and do the service of awakening souls. Pour the
oil of knowledge and yoga into the lamp of the soul. Cleanse your
intellect by following shrimat.
Blessing:
May you be a double-light angel who remains free from the attraction of
old sanskars and relationships of the world. (sanskars and sansaar)
An
angel means one who is free from any attraction of the old world. There
should be no attraction in the form of relationships either of
your own body or any bodily being or physical possession. Similarly,
also remain free from the attraction of old sanskars. There should be no
attraction of any sanskars in the form of thoughts, attitude or words.
When you are free from all attractions, that is, free from wasting time,
wasteful company and a wasteful atmosphere, you will then be said to be
a double-light angel.
(Baba often says, deh sahit deh ke sabhi sambandh, sampark,saadhan, vastu, vaibhav, vyakti
, padaarth ke aakarsharn se mukt raho. Remain free from the
consciousness of the body, free from the attractions of individuals,
their connections and relationships, material possessions, material
comfort, facilities and wealth, and then you will be able to become a
double-light angel.)
Slogan: Those who sustain all souls with the power of peace(shanti ki shakti) are spiritual social workers.
सार:- "मीठे बच्चे- तुम जितना बाप को याद करेंगे उतना आत्मा में लाइट आयेगी, ज्ञानवान आत्मा चमकीली बन जाती है"
प्रश्न:- माया किन बच्चों को ज़रा भी तंग नहीं कर सकती?
उत्तर:- जो पक्के योगी हैं, जिन्होंने योगबल से अपनी सर्व कर्मेन्द्रियों को शीतल बनाया है, जो योग में ही रहने की मेहनत करते हैं, उन्हें माया ज़रा भी तंग नहीं कर सकती । जब तुम पक्के योगी बन जायेंगे तब लायक बनेंगे । लायक बनने के लिए प्योरिटी फर्स्ट है ।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1. अब उत्तम पुरूष बनने के लिए याद के बल से आत्मा को पवित्र बनाना है कर्मेन्द्रियों से कोई भी विकर्म नहीं करना है ।
2. ज्ञानवान बन आत्माओं को सुजाग करने की सेवा करनी है । आत्मा रूपी ज्योति में ज्ञान-योग का घृत डालना है । श्रीमत पर बुद्धि को स्वच्छ बनाना है ।
वरदान:- पुराने संस्कार और संसार के रिश्तों की आकर्षण से मुक्त रहने वाले डबल लाइट फरिश्ता भव !
फरिश्ता अर्थात् पुराने संसार की आकर्षण से मुक्त, न सबंध रूप में आकर्षण हो, न अपनी देह वा किसी देहधारी व्यक्ति या कोई वस्तु की तरफ आकर्षण हो, ऐसे ही पुराने संस्कार की आकर्षण से भी मुक्त- संकल्प, वृत्ति वा वाणी के रूप में कोई संस्कार की आकर्षण न हो । जब ऐसे सर्व आकर्षणों से अथवा व्यर्थ समय, व्यर्थ संग, व्यर्थ वातावरण से मुक्त बनेंगे तब कहेंगे डबल लाइट फरिश्ता ।
स्लोगन:- शान्ति की शक्ति द्वारा सर्व आत्माओं की पालना करने वाले ही रूहानी सोशल वर्कर हैं ।
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